لـا قالوا : فلـان وأنته غايب يسبّـگ ! لـا تاخذگ عزّتگ وتسوي سواته .. صدقني إنه بـدون أبالـغ : يحبّـگ لو يڪرهگ ڪان ما أهدى ـآ لگ حسناته !~